आज काम करते हुए संध्या को पुरानी फाइल में से एक letter मिला, जो एक बच्चे की handwriting में लिखा हुआ letter हैं -
God जी मैं सब बच्चो जैसी नहीं हूँ शायद, इसीलिए तो कोई मेरे साथ नहीं खेलता !! मुझे पता हैं कि सब बच्चे मुझ पर हसते हैं, आपस में मेरा मजाक बनाते हैं पर उन सबके साथ जुड़े रहने के लिए मैं खुद पर भी हस देती हूँ !! पर फिर भी वो मुझे खुद में शामिल क्यों नहीं करते !!
कुछ लोग मम्मी को कहते हैं, भगवान् ने पता नहीं इसके साथ ऐसा क्यों किया.... !! इसलिए मुझे लगा मैं आपको ही पूछ लू, आखिर क्यों मुझे ऐसा बनाया God जी..!! सब बच्चे कितने स्मार्ट हैं, पर मैं उतनी क्यों नहीं.. !! मुझे हर काम को करने में इतनी देरी क्यों हो जाती हैं..!! कभी कभी छोटी छोटी चीज़ो को भी समझना मुश्किल क्यों लगता है God जी..!! सब जल्दी खा-पी लेते हैं, पर मैं उतनी जल्दी क्यों नहीं !! सब जल्दी पढ़-लिख पाते हैं, पर मैं उतनी जल्दी क्यों नहीं !! टीचर जब सबसे प्रश्न पूछती हैं तो कोई नहीं हसते, पर जब मुझसे पूछती हैं तो सब क्यों हसने लगते हैं !! मैं चीज़ो को समझने की पूरी कोशिश करती हूँ पर क्यों चीज़ो को समझने में मुझे सबसे अधिक समय लग जाता हैं !!
कभी कभी मम्मी पापा भी मेरी वजह से झगड़ पड़ते हैं !! टीचर मम्मी-पापा को बोलती हैं की मैं slow learner हूँ !! शायद मेरे लिए किसी ट्रीटमेंट की जरुरत हैं !! पर मम्मी-पापा को मेरी ट्रीटमेंट वाली बात फ़िज़ूल लगती हैं !! कभी कभी बोलते बोलते मैं अपनी बात पूरी नहीं कर पाती, चीज़ो को भूल जाती हूँ, मुझे बहुत बुरा लगता हैं God जी|
कुछ लोग तो मुझे पागल तक समझने की गलती करते हैं, पर मैं तो बस "slow learner" हूँ...!! कितना अच्छा होता God जी अगर आप मुझे सबके जैसा बनाते !! सब कहते हैं आप magic कर सकते हो, मुझे magic से सामान्य कर दो God जी !! आपकी चिट्टी का इंतज़ार करुँगी "my best friend - God", आपकी - "slow learner" ..
letter पढ़ते हुए संध्या के चेहरे पर उदासी थी और आँखें नम. . . . . . क्योकि ये चिट्टी जिस बच्चे ने लिखी थी वो कोई और नहीं बल्कि संध्या ही हैं !! आज कई सालो बाद अपने ही हाथ की लिखी चिट्टी जब संध्या के हाथ लगी, संध्या के घाव जैसे हरे हो आये !! ऐसे घाव किसी और को न सहने पड़े इसीलिए आज संध्या एक संस्था की संस्थापक (founder of organization) हैं जो special need children को सपोर्ट करती हैं और सबको जागरूक (aware) करती हैं|
परन्तु संध्या का एक slow learner संध्या से organization founder तक का सफर इतना आसान न होता अगर समय पर सही कदम न उठाया गया होता, और उस सही कदम की शुरुवात भी हुयी थी इसी letter से जो संध्या कई साल पहले अपने स्कूल बैग में रख स्कूल चली गयी थी !! टीचर के हाथ लगने पर letter, parents को दिखाया गया जिसको देख parents भी नम से थे !! संध्या अब तक कैसा अनुभव करती होगी वो उसके मन की बात समझ रहे थे| आखिरकार संध्या को सपोर्ट मिला| डॉक्टर्स और टीचिंग एक्सपर्ट से कई सालो तक session लेने के बाद संध्या अब सामान्य हो चली थी|
और आज कई सालो बाद की हक़ीक़त कितनी खूबसूरत है, जो संध्या कई सालो पहले अपने लिए असहाय थी वो आज नजाने कितनो का सहारा है !! संध्या तो खुशकिस्मत रही जो आखिर उसके माँ-बाप उसे समझ पाए परन्तु आज की निराश कर देने वाली सच्चाई ये भी है कि बहुत से माता-पिता इस बात को स्वीकार ही नहीं करते कि उनके बच्चे में ऐसी कोई कमीं हो भी सकती है !! जिसके चलते बच्चो को लम्बे समय तक मन पर लगते घाव को सहना पड़ता है !!
आज संध्या एक मिसाल है, inspiration है| और भी ऐसी कितनी मिसाल बन सकती है, केवल एक कदम उठाने की जरुरत है..| कभी कभी किसी की कमीं को पूरा करने के लिए बस एक सही कदम की शुरुवात की जरुरत होती है !!
"एक सही कदम आगे का पूरा सफर सफल कर देता है"
Thank You
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19 Comments
Very nice great
ReplyDeletethank you
DeleteSimply superb 👍🏻
ReplyDeletethank you
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ReplyDeleteGreat article. Keep up the impressive work.
ReplyDeleteImpressive story dear
ReplyDeletevery nice
ReplyDeleteThank u all.. 😊
ReplyDeleteNice story..god bless everyone
ReplyDeleteThank you
DeleteSuperb
ReplyDeleteThank u 🙏
DeleteVery nic
ReplyDeleteVery Nice story.... 👌🏻 👌🏻 👌🏻
ReplyDeleteGreat work neha ..
ReplyDeleteThank you ☺
Delete👌🏻👌🏻👌🏻
ReplyDeletevery nice...lots of love
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