शाम के 6 बजे थे | खूब बारिश, ठंडा सा मौसम और मौसम की ख़ूबसूरती अलग सी ही थी | खिड़की से ये बारिश का नज़ारा मन को बहुत शांत कर रहा था | बारिश और एक चाय का कप, अपने अंदर चल रही बहुत सी उलझनों को कुछ समय के लिए शांत करने के लिए काफी है | बस कुछ समय अपने लिए निकालती हुई मैं अपने ४ साल के बेटे के साथ चाय ले कर खिड़की पे बैठी ही थी की सामने सड़क पर घटी एक घटना ने मुझे हिला के रख दिया | एक काले रंग की स्कूटी पर एक लड़की फिसलते हुए बहुत तेजी से गिर गयी थी | कुछ ही सैकंड्स के अंदर वहां भीड़ जुट गयी , लोग जमा हो गए थे | इतने में लड़की संभलते हुए थोड़े दर्द में खड़ी हुई और किसी ने उसकी स्कूटी को खड़ा किया , कुछ समय बाद सब सामान्य सा हो गया और पूरी भीड़ हट गयी | मेरा बेटा भी बहुत बेचैनी से सब देख रहा था | ये सब बहुत विचलित कर देने वाला था |
मैंने चाय पी और बेटे के लिए कुछ शाम का नाश्ता लेने रसोई में गयी | पर वापिस आ कर मेरी नज़र खिड़की के बाहर जाती है तो मैंने देखा वो लड़की अभी भी वही खड़ी है और शायद वो कुछ घबराई सी थी | कुछ बेचैन सी खड़ी थी | उसके चेहरे पे उसका दर्द साफ़ दिख रहा था | उसको शायद किसी मदद की जरूरत थी | उसने अपनी स्कूटी स्टार्ट करनी चाही पर वो भी स्टार्ट नहीं हो रही थी | वो और भी घबरा गयी थी | शायद उसको गिरने की वजह से चोट आयी थी | बारिश की वजह से कोई ऑटो भी तो नहीं मिल रहा था |
जैसा की हम सब जानते है की आज का समय शायद किसी अनजान पर भरोसा करने का नहीं है और हमे बचपन से सिखाया भी ये ही जाता है | सिखाये भी क्यों नहीं, कही न कही आज के समाज की सूरत ऐसी ही तो है !! किसी का भरोसा तोड़ कर आगे बढ़ जाना आज आम बात है !! शायद ये ही कारण था की वो घबराई और डरी सी खड़ी थी | किसी को मदद के लिए बोलना भी चाहा तो कोई बरसती बारिश और आगे बढ़ने की होड़ में रुकना भी नहीं चाहता !! सही ही तो है, आज हम सब सुपर फ़ास्ट जो हो गए है !! सबको जल्दी है !!
मेरा बेटा जो महज 4 साल का है, भी सब देखते हुए अपनी बचकानी सोच से बोला - " मम्मा, अभी सुपर हीरो आएगा और मदद कर देगा " और वो खेलने लगा | वो तो एक बच्चा है, उसकी दुनिया कहानिओ और कार्टून्स के किस्सों से जुडी है परन्तु मैं वास्तविकता से भली भांति परिचित हूँ | वास्तविकता, जहा कोई सुपर हीरो नहीं है !! बेटे की बात सुनते लगा जैसे सच्च में ये दुनिया ऐसा समाज बन गयी है जहा अब सही में कई सुपर heroes की जरूरत है |
परन्तु कैसे ???? शायद जरुरत है अपने आप से ये शुरुवात करने की !! अब समय है हम सबको एक दूसरे के लिए सुपर heroes बनने की |
काश !! आज उस लड़की की कोई मदद करता है तो मै मेरे बेटे को ये समझा पाउंगी की सुपर हीरो कोई और नहीं बल्कि हमें ही बनना पड़ता है एक दूसरे के लिए | काश !!!!
तो बस अब समय था इसकी शुरुवात करने का | शायद मैं सीधे तौर पर उसकी मदद के लिए जाती तो मुझे नहीं पता उसकी क्या प्रतिकिर्या रहती !! ये भरोसेमंद समाज जो नहीं है !! और मैं इसी समाज का हिस्सा !!
मैंने एक ऑटो ड्राइवर, जो की अक्सर एक कॉल करने पर हमारी सोसाइटी के लोगो को ड्राप करने के लिए पहुंच जाता है, को कॉल की | उस ऑटो ड्राइवर को वहाँ बुलाया | कुछ ही समय में ऑटो वहाँ था | बहुत समय से ऑटो के लिए इंतज़ार करती उस लड़की ने ऑटो ड्राइवर को देखते ही तसल्ली भरी सांस ली |
मेरे बेटे को मैंने बुलाया और दिखाया - वो ऑटो ड्राइवर भी सुपर हीरो है जो मदद के लिए वहाँ आये | "हम सब सुपर हीरो है जो एक दूसरे की हेल्प करते है" | मैं नहीं जानती मेरे बेटे को उस दिन मैं कुछ समझा पाई या नहीं परन्तु मेरी ये एक शुरुवात थी अच्छे समाज का हिस्सा बनने की |
उस लड़की ने स्कुटी वही किसी शॉप के पास खड़ी करते हुए ऑटो लिया और बैठ के चली गयी | मैंने ऑटो ड्राइवर से सुनिश्चित किया की वो लड़की घर ठीक से पहुंच गयी थी |
मेरी की हुई इतनी सी मदद और कोई आज सुरक्षित है, मेरे दिल को अलग ही ख़ुशी थी |
हम सब में एक सुपर हीरो है !! आओ इन बच्चो को वास्तविक सुपर हीरो से मिलवाया जाए !!
अगली बार किसी को आपकी जरूरत हो तो मदद जरूर करे, क्या पता कोई बच्चा अपनी खिड़की से आपको मदद करते देख आपसे कुछ सिख रहा हो और उसके लिए आप एक सुपर हीरो का रूप हो !!
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धन्यवाद |
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Taking some time out for myself, I was sitting at the window after taking tea with my 4 year old son that an incident on the road in front of me, shook me. A girl slipped on a black scooty and fell very fast. Within a few seconds the crowd gathered there, people had gathered.
1 Comments
Good content ...keep it up!!✌
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