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खत - दिल से कागज तक


 सुबह उठ कर cell-phone देखना, सोने से पहले cell-phone देखना, आज के समय का नया मंत्र है !! जैसे कोई जरुरी काम !!

हो भी क्यों ना !! समय ही कुछ ऐसा है| फ़ोन से ही तो जुड़े है आज के कितने काम !! mailsmessages, voice-calls, video-calls आदि !! इस फ़ास्ट वक़्त में सब कुछ फ़ास्ट है, तभी तो बात करने का माध्यम भी फ़ास्ट है| 

वो याद है मुझे वो सुनहरे दिन, जब बात करने का माध्यम इतना सुपर फ़ास्ट नहीं होता था| अपनी भावनाओ को कलम से कागज़ पर उतारा जाता था - खत !! खत लिखना, लिखते समय वक़्त देना और सोचना, कही कुछ लिखना छूट ना जाए इसलिए खूब तसल्ली से खत को आखिर तक लिखना, फिर उसको पोस्ट करना और फिर इंतज़ार भी करना उस खत के जवाब का !! क्या समय था !!

और जब खत के जवाब में खत का आना, उसे पढ़ने के लिए एक उत्साह का महसूस होना, कुछ अलग ही था !!  वो नीले रंग के कागज़ पर खूब लम्बा सा message लिखना, कुछ ख़ास था| खत को लिखने के लिए समय निकालना कुछ ख़ास था| मुझे याद है उन दिनों मेरे पापा का दादा जी को खत लिखना, कितना सोच कर लिखना उनका !! उसका महत्व होता था क्यों कि खत लिखना, पोस्ट करना फिर उसका जवाब आने का इंतज़ार, कई दिन बीत जाते थे !! इसलिए कोशिश होती थी कि जितनी बात करने को है सब उसमें लिख पाए !!

आज का समय तो बिलकुल इसके विपरीत है !! messages सुपर फ़ास्ट हो गए है परन्तु meaningless हो गए है !! ना भेजने वाले के लिए उसका वैसा महत्व रह गया है !! ना पढ़ने वाले के लिए !! बिना सोचे समझे कुछ भी भेज देना, आखिर एक मैसेज ही तो है !! बस एक मैसेज !!

शायद आने वाला समय और फ़ास्ट हो जाएगा, काश आने वाली पीढ़ी को भी उन सुनहरे दिनों जैसा एहसास करा पाए !! एक भाव जुड़ा करता था उन दिनों खत के साथ| सच्च, खत दिल का तार हुआ करता था |

मुझे याद है मेरे कुछ बड़े होने पर, पापा का मुझसे दादा जी को खत का लिखवाना, उनके चेहरे और शब्दों का भाव मैं भी महसूस कर पाती थी| अपने हाल चाल से ले कर वहाँ के हाल चाल की खैरियत की उम्मीद भरा वो खत, दिल का आईना होता था !!

बाद में मेरा भी independently सबको खत लिखना, खत को सजा कर लिखना, मुझे भी बहुत पसंद था| खत के जवाब के इंतज़ार में कई दिन बीत जाना और फिर खत का जवाब आना, एक धैर्य का प्रतीक जैसा था !! आज कोई आधा घंटा भर से देरी करे मैसेज का जवाब देने में तो हम कई बार फ़ोन चेक कर लेते है !! "फ़ोन तो देखा कर" की हिदायत दे डालते देते है !! "कबसे मैसेज किया है !!" का ताना कस देते है !! मानो धैर्य बस इतना सा ही है !! समय फ़ास्ट जो है और हम भी फ़ास्ट....| रुके रहने का तो सवाल ही नहीं |

परन्तु शायद इतनी सुपर फ़ास्ट दुनिया में थोड़ा रुक भी जाना चाहिए, अपनों के लिए कभी समय निकाल कर दिल से कुछ लिख देना चाहिए !! इसका महत्व आज भी बरकरार रखना चाहिए| अपने बच्चो को भी इससे परिचित तो जरूर करवाना चाहिए !! 

आज भी जब किसी ख़ास मोके पर बच्चो को handmade कार्ड बना कर अपनों को देते देखती हूँ तो पुराना समय आँखों के आगे घूम जाता है !! आखिर प्यार तो उसी में है| ऐसा करते देख बच्चो को बढ़ावा दे| ये उनकी सुनहरी यादो का सफर है जो आज के साथ साथ कल भी उनकी होठो की मुस्कान बनेगी !! इन सुनहरे पलों को यूँ ही न जाना दे|


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धन्यवाद | 

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