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अधूरी ख्वाइश - मन की बात नेहा के साथ (पार्ट-1)

कुछ ख्वाहिशे दिल तो पूरी कर लेना चाहता है पर दिमाग कभी कभी मंजूरी नहीं देता, शायद इस कश्मकश में ही उलझ कर एक आह सी आंसू बन आँखों से गिर पड़ती है......... और हमे दिल को समझाना ही पड़ता है............!!




आज फिर रात बिन सोये जगते हुए ही कट गयी, अंकिता की आँखों से नींद कोसो दूर सी थी !! कभी आँखों से आंसू बह कर सिरहाने पर जा गिरते तो कभी अंकिता आंसुओं को गिरने से पहले ही पोछ देती !! बस करवट बदलते बदलते सुबह के 4 बज चुके थे !! रात का सन्नाटा और अंकिता के साथ तन्हाई, आँखों में नींद आये भी तो कैसे........!! 

बार बार अंकिता के दिमाग में दिशांत का नाम घूम रहा था !! न दिमाग दिशांत को भूलने के लिए त्यार था और न ही दिल !! अंकिता दिशांत को सच्च बहुत प्यार करने लगी थी पर कुछ समय से दोनों के बीच चीज़े कुछ ठीक नहीं चल रही थी, ये ही वजह थी कि अंकिता की आँखों से नींद और दिल से चैन कोसो दूर था !!

अंकिता यूँ तो सोशल मीडिया से दूरी ही बना कर रखती थी पर कुछ महीनो पहले जब अंकिता ने अपनी ID से लॉगिन किया तो सामने एक add request दिखी जो दिशांत नाम से थी, अंकिता ने प्रोफाइल चेक की तो ये कोई अनजान ही शक्श था !! अंकिता ने add request को डिलीट कर दिया पर न जाने क्यों ये दिशांत नाम को अंकिता भूली नही !! दिशांत नाम की प्रोफाइल और प्रोफाइल फोटो में गोरा, लम्बा, एक स्मार्ट सा लड़का !! प्रोफाइल में बहुत सी चीज़े प्राइवेट थी जो केवल friends के ही द्धारा देखीं जा सकती थी !! अंकिता की नज़रो में वो प्रोफाइल फोटो घर कर गयी थी जैसे....। पर खैर अनजान को ना add करने का फैसला ही अंकिता को सही लगा !!

बहुत से दिन बीत गए, अंकिता तो ये बात भूल भी गयी कि एक दिन फिर से अंकिता ने उसी दिशांत नाम की प्रोफाइल से add request देखीं, इस बार अंकिता ने डिलीट करने से पहले थोड़ा सोचा...!! न जाने क्या सोचा कि अंकिता ने दिशांत को ऐड कर लिया था !! अभी अंकिता दिशांत की सभी डिटेल्स, सभी फोटोज देख पा रही थी । दिशांत मुंबई का रहने वाला एक IT कंपनी में काम करने वाला लड़का था, उस दिन अंकिता ने बस इतना ही देख इस बात को यही छोड़ दिया.......!! 

अगले दिन अंकिता ने देखा कि दिशांत नाम की उसी प्रोफाइल से एक मैसेज भी था "हेलो अंकिता" !!

अंकिता ने पहले ignore ही किया पर ना जाने क्या था जो अंकिता को दिशांत की ओर खींचे जा रहा था !! अंकिता यूँ तो बहुत शांत सी रहने वाली, पुणे के एक कॉलेज में पढ़ने वाली साधारण सी लडकी थी। अंकिता को बाहर घूमना फिरना या पार्टी करना ज्यादा पसंद नहीं था !! किसी अनजान से तो बात करना उसकी मज़बूरी हो सकती थी चॉइस कभी नहीं !! पर आज कुछ तो था जो अंकिता किसी अनजान से बात करने के लिए एक पल सोच भी रही थी !! एक पल सोचते ही अंकिता ने भी हेलो लिख दिशांत को मैसेज कर दिया !!

सामने से दिशांत का भी मैसेज आया और फिर क्या था, दोनों में बात चीत होने लगी..... अंकिता को दिशांत से बात कर काफी अच्छा लग रहा था, साधारण सी बात भी जैसे कुछ ख़ास सी लगने लगी !! कुछ ही दिनों में कभी कभी की बात-चीत रोज़ में बदल गयी !! कभी कबार सोशल मीडिया पर आने वाली अंकिता अब रोज़ सोशल मीडिया पर दिशांत के मैसेज का इंतज़ार करती !! धीरे धीरे दोनों ने एक समय भी निर्धारित कर लिया था । अब शाम के समय रोज़ दिशांत ऑफिस से आने के बाद ऑनलाइन रहता और अंकिता भी उसी समय दिशांत से बात करने के लिए समय पर ऑनलाइन आ जाती !!

दोनों की बातें रोज़ होती और बातें दिल में ख़ास जगह बनाने लगी थी !! दोनों एक दूसरे के लिए ख़ास महसूस करने लगे थे !! अब बातें बस सोशल मीडिया तक ही सीमित नहीं रह गयी थी, दोनों ने एक दूसरे के फ़ोन नंबर्स ले लिए थे जिससे दोनों कभी भी एक दूसरे के संपर्क में रहते !!

अंकिता को आज भी याद है वो दिशांत के साथ पहली बार उसका बात करना, वो पहली बार जब अंकिता ने फ़ोन पर दिशांत की आवाज सुनी थी !! आज भी याद है वो एहसास जब अंकिता सिर्फ और सिर्फ बस दिशांत के लिए फोटो डाला करती थी क्यों कि दोनों कभी मिले नहीं थे बस एक दूसरे की फोटोज ही सहारा थी !!

धीरे धीरे दोनों करीब आ गए थे अब !! दोनों को बात करते एक साल बीत चूका था लेकिन आज तक कभी मुलाक़ात नहीं हुई थी !! अंकिता का कॉलेज में ये फाइनल ईयर था और अंकिता ने भी अब मुंबई में जा जॉब करने का मन बना लिया था, जल्दी ही कॉलेज की placement से अंकिता को मुंबई में ही जॉब भी मिल गयी !!

अंकिता की ख़ुशी का कोई ठिकाना ही नहीं था !! एक तो जॉब लगने की ख़ुशी और दूसरी ख़ुशी थी जॉब दिशांत के शहर लगने की !! हाँ अंकिता के माँ पापा अंकिता की यूँ दूसरे शहर में जॉब लगने की बात से कुछ परेशान से थे पर अंकिता ने उन्हें समझा लिया था !! जब ये बात दिशांत को पता चली तो दिशांत की भी ख़ुशी उसकी आवाज से ही अंकिता महसूस कर पा रही थी !! दोनों ने आज तक दिल की बात एक दूसरे से नहीं कही थी पर कहते है न कुछ बातों को कह देने से अच्छा होता है उनका महसूस हो जाना !! दोनों भली भाँती जानते थे कि अब दोनों एक दूसरे को पसंद करते है !! पर खुल कर आज तक ये बात न अंकिता ने कही थी और न ही दिशांत ने !! 

अंकिता और दिशांत ये सोच कर ही उत्साहित थे कि अब किस्मत से दोनों के शहर भी एक हो जाएंगे और नज़रो को मुलाकात का मौका भी मिलेगा !! अंकिता मुंबई आते ही अपनी एक सहेली के घर पर रुकने वाली थी और उसके एक दिन बाद दिशांत से मिलने का प्लान भी था, अंकिता सुपर उत्साहित थी !! 

आँखों में भविष्य के कई सपने लिए अंकिता माँ पापा को अलविदा कह अब मुंबई आ गयी थी, नया शहर, नयी जॉब, नयी शुरुवात और दिशांत से मुलाकात, सब कुछ नया था !! सब कुछ पहली बार था !! 




बस एक रात का इंतज़ार और कल दिशांत से मुलाकात...........!!

कल के इंतज़ार में अंकिता रात भर सो नहीं पा रही थी !! 

एक वो रात थी जब दिशांत से मुलाकात के इंतज़ार में अंकिता की आँखों में नींद नहीं थी और एक आज की रात है जब कई सालो बाद भी दिशांत को याद कर अंकिता की आँखों में नींद नहीं है..................!! बस फ़र्क बस इतना था उस दिन आँखों में उत्साहना थी दिशांत को पहली बार मिलने की और आज उसकी जुदाई के आंसू....!!


पर ऐसा आखिर क्या हुआ आगे जो आज यूँ कई साल बाद अंकिता तनहा थी और दिशांत को याद कर बस आंसू में डूबी थी जानने के लिए जुड़े रहे mannkibaatbyneha के साथ, आगे की कहानी भाग 2 में.......!! 


कहानी के दूसरे भाग को विस्तार से पढ़ने के लिए निचे दिए लिंक पर क्लिक करे.......

अधूरी ख्वाइश - मन की बात नेहा के साथ (पार्ट- 2)


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