अबला नहीं सबला
"दुसरो की उलझन को सुलझाने के लिए उन्हें समझाना तो कोई भी कर लेता है, पर मुश्किल तो अपने अंदर चल रही उलझनों के लिए खुद को समझा पाना है.......... जिसने ये सिख लिया, मानो वो हमेशा के लिए सुलझ गया !!" - mann-ki-baat-by-neha
मनीषा के घर आज जब सविता ताई घर का काम करने आयी तो आज भी सविता ताई के शरीर पर कई चोट के निशान दिख रहे थे जिन्हे सविता ताई साड़ी के पल्लू से छुपाने की पूरी कोशिश कर रही थी !! सविता ताई मनीषा के घर 2 साल से घर की साफ़ सफाई का काम करने आती थी !! सविता ताई के शरीर पर यूँ चोटों के निशान होना अब तो एक आम बात सी थी, पति के जुलमो की दास्तां ब्यान करते ये चोटों के निशान जो भी देखता सविता ताई पर बहुत दया सी दिखा जाता !! यकीन नहीं आता था कि सविता ताई का पति ही इतनी बेरहमी से यूँ केहर ढा सकता है !!
पर शायद किसी ने सच्च ही कहा है खाली दिमाग शैतान का घर और सविता ताई का पति अब शैतान ही बन चूका था जैसे !! कोई काम तो वो पहले भी नहीं करता था, बस शराब के नशे में सविता ताई को मार पीट कर मर्द और पति होने का हक़ जरूर दिखा देता था !! मनीषा ने कई बार सविता ताई को समझाया भी कि आखिर ऐसा कब तक चलता रहेगा, विरोध की आवाज तो उठानी ही होगी !! मनीषा सविता ताई को हमेशा अपने लिए आवाज उठाने के लिए बोलती, अक्सर समझाती कि अगर ज़ुलम करना पाप है तो सहना माहा पाप है !!
पर सविता ताई ने शायद बचपन से ये ही सीखा था कि पति तो परमेश्वर है, भला उसका विरोध वो कैसे कर सकती है !! उसका विरोध करके भला कैसे गुजारा होगा !! सविता ताई ने बस दर्द सहना सीखा था !! जब से सविता ताई की बेटी रिंकी बड़ी हुई तब से अपनी माँ पर पिता को ज़ुलम करते देख सविता ताई के बचाव में पिता के विरोध में खड़ी हो जाती लेकिन अब तो उसकी भी शादी हो चुकी थी !! और उसकी शादी के बाद तो सविता ताई पर ज़ुलम और बढ़ता गया, छोटी छोटी बात पर सविता ताई पर हाथ उठाने से पीछे नहीं हटता था उसका पति !!
लेकिन आज मनीषा को सविता ताई के चेहरे पर अलग ही शिकन सी दिखी, एक तो बढ़ती उम्र का तकाज़ा और उस पर कच्ची उम्र से ही होते आये उन पर अत्याचार का दर्द उनके चेहरे पर साफ़ देखा जा सकता था...........!! चेहरे पर चिंताओं से भरी शिकन आज कुछ ज्यादा ही उभरी हुई थी !!
मनीषा के पूछने पर जब सविता ताई ने आज के दुखी होने का कारण बताया तो मनीषा दंग रह गयी !! दरअसल आज सविता ताई की चिंता अपने लिए नहीं बल्कि अपनी बेटी के लिए थी !! कल ही बेटी ने फ़ोन पर बताया कि कुछ दिनों से उसका पति भी हर छोटी छोटी बात पर उस पर हाथ उठा देता है, ये सब सहना बहुत मुश्किल हो रहा है अब रिंकी के लिए !!
सविता ताई को तकलीफ इस बात की थी कि जिस तरह से सविता ताई ने बस अबला बने रह कर जिंदगी काटी, क्या उसकी बेटी की भी वही कहानी रचने वाली थी............!! सविता ताई ने रोते हुए मनीषा को अपनी चिंता बतायी !!
"आखिर वो रिंकी जब अपने माँ पर हो रहे ज़ुलम के खिलाफ पिता से लड़ जाती थी तो अपने पति का ज़ुलम कैसे सह रही है भला" - सविता ताई ने रोते हुए मनीषा से हैरानी में कहा।
पर शायद मनीषा को इसका जवाब मालुम था !!
"ताई जो पिता से लड़ जाती थी वो एक बेटी थी, लेकिन अपनी माँ को पत्नी के रूप में तो उसने बचपन से ही अबला (बेचारी) बने देखा है !! शायद उसने आपको ज़ुलम सहते देखा है, इसलिए एक पत्नी के रूप में खुद को कमजोर पाया है !! बच्चे हमसे ही तो सीखते है !! पति के सामने आपको बस अबला बने देखा, जो उसको भी कही न कही अबला बनाये हुए है !!" - मनीषा ने सविता ताई के कंधे पर हाथ रखते हिम्मत देते कहा।
सविता ताई बस सुन रही थी, शायद बेटी पर हो रहे ज़ुलम ने ताई को इतनी आहात पहुचायी थी जितना खुद पर होते जुलम से भी ताई ने कभी महसूस नहीं किया था !!
"ताई अगर आप बेटी को अबला नहीं बने रहने देना चाहती तो खुद को मजबूत करना होगा, आपको अबला नहीं अब सबला बन कर दिखाना होगा" - मनीषा ने ताई को अपने ऊपर होते अत्याचार के खिलाफ अब आवाज उठाने के लिए समझाते कहा।
सविता ताई आज बेबस सी थी लेकिन मनीषा की बात से अभी भी सहमत नहीं थी ताई..............!! बचपन से सविता ताई ने ये ही तो सीखा था कि पति का हुकम सर आँखों पर, फिर चाहे पति का दिया ज़ुलम ही क्यों न हो, भला आज एक अचानक पति के खिलाफ आवाज कैसे उठाती !! इतनी हिम्मत भला खुद में कहा से लाती !!
अपनी माँ से सविता ताई ने ये सब सीखा और सविता ताई की बेटी ने सविता ताई से ये सब सीखा !! लेकिन ऐसा कब तक......................!!
कही न कही से तो इस चलती आयी प्रथा को बदलना ही होगा !! कल सविता ताई की बेटी रिंकी अपने पति के साथ घर पर आने वाली थी, मनीषा से ताई ने कल की छुट्टी भी ली थी !!
अगले दिन जब रिंकी पति के साथ आयी तब भी अपने पिता को शराब के नशे में ही देखा !! खाना खाने से पहले जाने किस बात पर गुस्सा हो ताई का पति जैसे ही ताई की ओर उन्हें मारने के लिए बढ़ा, जाने सविता ताई को क्या हो गया !! सविता ताई ने पति का उसे मारने के लिए उठा हाथ एक अचानक गुस्से में पकड़ लिया !! सविता ताई की आँखों में गुस्सा साफ़ देखा जा सकता था और आज पति के खिलाफ पहली बार उठाये इस कदम के चलते ताई की साँसे फूली जा रही थी, मानो बरसो का गुस्सा आज एक साथ चेहरे पर उमड़ आया था !! हाथो की ताकत पति ने भी महसूस की जब ताई ने उसके हाथो को खुद तक पहुंचने से रोका !!
चारो और सन्नाटा सा पसर गया !! रिंकी भी मानो माँ का ये रूप देख खुद में ताकत महसूस कर रही हो !! शराबी पति ने आँखे निच्चे कर वहाँ से चले जाना ठीक समझा और रिंकी का पति भी बहुत कुछ समझ गया था !! रिंकी ने जिस नज़र से अपने पति को उसी समय देखा था, उसके पति को भी जैसे एक सन्देश मिल गया था !! माँ का ये अबला से सबला वाला रूप रिंकी की भी ताकत जैसे था, आखिर बच्चे जाने अनजाने अपने आस पास हो रही घटनाओ से ही तो प्रेरित होते है !! आज रिंकी अपनी माँ से प्रेरित थी.............।
जब ताई ने अगले दिन मनीषा को ये सब बताया मनीषा ने ताई की खूब सराहना करते ताई को गले लगा लिया !! आज उस बात को कई साल बीत गए, फिर कभी ना तो सविता ताई के पति ने ताई पर हाथ उठाया और न रिंकी के पति ने कभी सोचा भी !!
कभी कभी एक कदम की दूरी तय करने से भी बरसो से चल रही दुखो की सीमा को पार किया जा सकता है, परन्तु जरुरी है वो एक कदम उठाने के लिए खुद को राज़ी कर लेने की...................!!
Thank You........
disclaimer : इस कहानी के सभी पात्र (मनीषा, सविता ताई, रिंकी और अन्य सभी चरित्र) काल्पनिक है | यहाँ पर लिखी सभी
कहानिया किसी भी धर्म, मानवता के विपरीत नहीं है | यह केवल एक मन की बात है
जो केवल readers को entertainment (मनोरंजन) करने के लिए है | यहाँ जो भी
content है उसके सारे copyright mannkibaatbyneha के है..|
6 Comments
🔝🔝🔝
ReplyDeleteThank you so much...
DeleteMotivational story 👌👌
ReplyDeleteHmmm thank u dear...
DeleteNice
ReplyDeleteThanks dear
Delete