शब्द का अर्थ जितना गहरा है, असल माईने उससे भी ज्यादा गहरे!! केवल एक शब्द में समाया है पूरी ज़िंदगी के साथी का साथ और कई पड़ाव| हमसफ़र - जो ज़िंदगी की राहो पर आपका साथी हो, इस सफर में आपके साथ हो| फिर चाहे ये सफर कैसा भी हो, समय अच्छा आये या बुरा, बस वो हिस्सेदार हो !! दुःख आये या सुख, बस वो उन्हें बाँट ले !!
एक सच्चा हमसफ़र तो वो है, जो आपको जैसे आप हो उसके लिए स्वीकारे| आपकी कमियों को जानते हुए भी आपकी ताकत बने, उन कमीयो को पूरा कर आपको निखार दे| फ़र्ज़ और कर्तव्य एक तरफ़ा नहीं होते - चाहे पति हो या पत्नी,निभाना तो दोनों को ही होता है| कुछ उम्मीद पति को है पत्नी से तो कुछ पत्नी को पति से, पूरा तो दोनों को करना होता है| तभी तो ये सफर सफल होता है और तभी तो ये सफर करने वाले बनते है - "हमसफ़र" ..........
इस रिश्ते के किस्सों को दर्शाती कुछ पंक्तिया यूँ है :
ओ हमसफ़र...... ओ हमसफ़र ........
तू अच्छा हो और सच्चा हो और मुझे क्या चाहिए,
तू साथ मेरा दे ज़िंदगी भर और मुझे क्या चाहिए.......
ओ हमसफ़र...... ओ हमसफ़र ........
मिला कर कदम से कदम हम चल निकले साथ,
बातें हो कई और हो हाथो में हाथ.................
ओ हमसफ़र...... ओ हमसफ़र...........
कुछ कमींया मुझमे होंगी , तुम उन्हें पूरा कर देना
कुछ कमींया तुममे होंगी, मैं उन्हें भर दूंगी......
तू साथ होगा अगर इस डगर में, हर गम सह लुंगी.....
ओ हमसफ़र...... ओ हमसफ़र ........
तू लड़खड़ायेगा अगर, थाम तुम्हे मैं लुंगी..
गिरने मुझे भी तुम मत देना,बालाएं तुम्हारी मैं ले लुंगी......
ओ हमसफ़र...... ओ हमसफ़र ........
दुःख हो मुझे तुम हस देना,तुम्हे देख मैं हस लुंगी
आये कभी जो तुम्हारी पलकों पे नमी,पोछ उन्हें मैं दूंगी......
ओ हमसफ़र...... ओ हमसफ़र ........
राहे लम्बी है सफर लम्बा है,साथ भी अपना लम्बा हो
तुम कहना कभी कुछ, कभी मैं कह दूंगी
जुबान न दे साथ कभी तो, आँखें मैं पढ़ लुंगी....
ओ हमसफ़र...... ओ हमसफ़र ........
थक जाओ सफर में अगर,सहारा मैं बन लुंगी
तुम होंसला देते रहना,बाकी मैं कर लुंगी.....
ओ हमसफ़र...... ओ हमसफ़र ......
नोक-झोक भी होंगी जो कभी,कभी तुम झुक जाना कभी मैं झुकुंगी
मनाऊ जो मैं मान भी जाना,कभी तुम्हारे मनाने से मैं मान लुंगी..
ओ हमसफ़र...... ओ हमसफ़र ........
यूँ ही हसने हसाने में कट जाएगा सफर,नजाने कब फिर मुलाकात होगी
मेरे बिन अधूरे तुम भी हो,तुम्हारे बिन अधूरी मैं भी हूंगी.....
ओ हमसफ़र...... ओ हमसफ़र ........
तू अच्छा हो और सच्चा हो और मुझे क्या चाहिए,
तू साथ मेरा दे ज़िंदगी भर और मुझे क्या चाहिए.......
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7 Comments
Kya baat kya baat
ReplyDeleteTrue lines
ReplyDeleteJust wooooow. You r a good writer
ReplyDeleteThank u all 🙏😃
ReplyDelete❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
ReplyDeleteWow
ReplyDeletenice post keep it up thanks for sharing
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