कभी कभी किसी के खोने के बाद या उसके खोने के गहरे एहसास बाद ही हम उसका मूल्य समझते है !! अगर मूल्य का एहसास समय रहते हो जाए तो फिर क्या बात !! शायद हर कोई अपनी जिंदगी से संतुष्ट हो जाए फिर !!
बस इस मूल्य का एहसास ही सबसे अमूल्य है, अनमोल है|
बस जैसे तैसे अंजू उठी और कामो में लग गयी| नहा धो पूजा की और खाना बनाया कि तबीयत और नरम लगने लगी| अपने पति निशांत के लिए चाय चढ़ा अंजू ने निशांत को उठने के लिए आवाज लगाई| अंजू के हाओ भाव देकते ही निशांत समझ गया था कि अंजू की तबीयत ठीक नहीं है पर निशांत ने कुछ बोला नहीं !! बोले भी क्यों !! ऐसा पहली बार थोड़ी हो रहा था कि उतरे चेहरे से अंजू काम कर रही थी !! नजाने कितनी बार यूँ खराब तबीयत में घर को संभाला था अंजू ने| बस त्यार हो निशांत ऑफिस चला गया|
अंजू ने तबीयत और ना बिगड़ने के डर से जल्दी दवाई ली और बच्चे को त्यार करने में जुट गयी| आज कुछ धीमी पड़ी अंजू ने आखिर कैसे भी कर बच्चे को त्यार कर समय से स्कूल छोड़ा, और घर आ लेटते ही उसकी नज़र घर पर पड़ी तो पूरा घर बिखरा पड़ा था, मानो लेटने में भी चैन ना मिल रहा हो !! आखिर काम तो उसे ही करना है सोच अंजू उठी और धीरे धीरे कामो में लग गयी| बस पूरा दिन काम में निकल गया, बल्कि आज काम धीरे हुआ जिससे आज और भी समय चला गया|
बच्चे को स्कूल से लाने का समय था पर अंजू कि तबीयत आज साथ नहीं दे रही हो जैसे !! स्कूल पहुंचते ही बच्चे को लिया और घर पहुंचने ही वाले थे कि अंजू का सर चकराया और वो गिर पड़ी !! कॉलोनी की ही एक महिला ने अंजू के मोबाइल से निशांत को कॉल कर खबर दी और अंजू को पास ही डॉक्टर के पास ले कर गयी|
निशांत बहुत घबराहट में ऑफिस से निकला और जैसे खुद को बहुत कोस रहा हो, अंजू की खराब तबीयत का एहसास होते हुए भी निशांत ने एक कॉल भी तो नहीं की थी अंजू को ऑफिस से !! ऐसा कैसा काम में व्यस्त होना जो आपके एहसास को ही ख़तम कर दे !! आखिर बच्चा तो दोनों की जिम्मेदारी है, निशांत के मन में दुःख था कि क्यों उसने नहीं सोचा कि अंजू बच्चे को लेने जायेगी भी तो कैसे, वो अब ठीक है कि नहीं, उसने दवाई ली कि नहीं !! क्या उसका फ़र्ज़ नहीं था अंजू को एक बार ऑफिस से कॉल कर पूछना !! साथ ही अंजू के यूँ गिर जाने की घबराहट !! निशांत परेशान था|
पहले निशांत और अंजू साथ में समय भी बीता पाते थे परन्तु समय के साथ साथ अंजू बच्चे में व्यस्त हो गयी, घर की जिम्मेदारियां भी बढ़ गयी और वही निशांत ऑफिस के कामो में पहले से ज्यादा उलझता गया!! दोनों पहले से ज्यादा व्यस्त रहने लगे !! कितनी बातें बिना कहे बस यूही समझ ली जाती थी पर कहते है ना कि बहुत सी बातों का कह देना भी बहुत जरुरी होता है, जैसे कितना अच्छा होता अगर निशांत ने अंजू को उसकी तबीयत के लिए पूछ ही लिया होता !! ये सब सोचते निशांत क्लिनिक पंहुचा|
क्लिनिक पहुंचते ही निशांत को पता चला कि अंजू का B.P low होने कि वजह से वो चकरा कर गिर पड़ी थी| कही ना कही दिल को तसल्ली हुयी कि कोई परेशानी नहीं थी और उसने मन ही मन भगवान् का शुक्रिया किया|
अब निशांत के मन में वो एहसास था जिसका बहुत जरुरी है हम सबके अंदर होना| रिश्तो की कीमत का मोल| इस घटना ने शायद निशांत के अंदर अंजू को खो देने के डर का एहसास करवाया था !! आज तक निशांत के बीमार होने पर अंजू ने खूब ध्यांन रखा था, अब बारी थी निशांत की !!
रात का खाना बनाने उठी अंजू जब रसोई में पहुंची तो निशांत को पहले से ही रसोई में खड़ा देख यकीन नहीं कर पा रही थी !! एक गिलास ले कर पानी भी ना पीने वाला निशांत डिनर की तयारी में जुटा था !! अंजू के मना करने पर भी निशांत ने एक नहीं सुनी और वही कुर्सी पे बैठ बस निशांत को guide करने को कहा| अंजू बहुत हैरान थी परन्तु निशांत के मन में अपने लिए इतना प्यार देख मानो उसकी तबीयत आधी तो ऐसे ही ठीक हो गयी हो !!
दोनों के मिल कर बनाये खाने का स्वाद मानो ऐसा स्वादिष्ट खाना आज तक कभी ना खाया हो !! आज दोनों के मन की ख़ुशी ही अलग थी| दोनों के मन में रिश्ते का एहसास जो पनप उठा था !!
एहसास रिश्तो का, एहसास हर उस चीज़ का जो आपके पास है, रिश्तो का मोल ही बढ़ा देता है और आपको संतुष्ट बनाता है| उस एहसास को मिटने ना दे |
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14 Comments
Same things happen with me some time. Keep it up neha
ReplyDeleteEvery relation has its own beauty..n we must admire it..
ReplyDeleteYes dear.. thats what i want to say
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ReplyDelete:) :)
DeleteBht sohna likh rhi a neha.. rabb tainu trakkiya bakshey 👍
ReplyDeletethank u
DeleteIt's amazing yaat
ReplyDeleteIt's amazing
ReplyDeleteBhut vadiya neha amazing
ReplyDeleteVery nice neha .. 👌🏻👌🏻
ReplyDeletethank u all
ReplyDeleteSuper bahut badia
ReplyDeleteSuper bahut badia
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