नूपुर बहुत ही खुश मन जल्दी जल्दी आज घर के काम निपटा रही है | चेहरे पर ख़ुशी साफ़ झलक रही है, आखिर हो भी क्यों न, पति नितिन ने ऑफिस से फ़ोन कर नूपुर को शाम को त्यार रहने के लिए जो बोला है, रात को खाने के लिए आज बाहर जाने की प्लानिंग है !!
पर साथ ही नूपुर हैरान भी है, क्यों की बाहर खाने पर जाना हमेशा किसी ख़ास मोके पर ही होता है !! ऐसा नितिन ने पहले कभी नहीं किया |
नितिन और नूपुर की शादी को 7 साल हो चुके है | ऑफिस के काम से नितिन अक्सर व्यस्त रहता है | दूसरी और नूपुर भी घर के कामो में, सास-ससुर और दोनों बच्चो में बहुत व्यस्त जो रहती है !! दोनों को साथ में बिताने का वक़्त ही नहीं मिल पाता !!
अक्सर नितिन ऑफिस से घर देरी से ही आता और आकर खाना खाना, t.v देखना या न्यूज़ पेपर पढ़ना ये ही रोज़ के काम रहते | कभी कभी तो थकावट ऐसी रहती कि नितिन की कब सोफे पर ही आँख लग जाती, पता ही नहीं चलता !! नूपुर ने भी आज तक कोई शिकायत नहीं की !!
अभी कल की ही तो बात है जो नितिन ने खाना खाने के बाद नूपुर को ice-cream पार्लर साथ चलने को बोला था | लेकिन जब तक नूपुर के काम खत्म हुए, नितिन t.v देखता हुआ सो चूका था और आधी रात में जब नितिन की आँख खुली तो नूपुर को सोता देख नितिन ने भी कुछ नहीं कहा..... !!
बस यूँ ही दिन बीते जा रहे थे | एक दूसरे को समय न दे पाना रोज़ की बात थी | ये ही सब सोचती नूपुर हैरान और खुश भी थी कि आज नितिन ने आखिर कुछ समय तो हमारे लिए निकालने का सोचा !!
शाम हो चली थी अब नितिन के आने का समय था | त्यार होने से पहले नूपुर ने सास-ससुर के लिए खाना बना दिया | सास-ससुर को बाहर के खाने से परहेज ही रहता है तो वो खाने के लिए बाहर नहीं आने वाले थे | अब बारी थी नूपुर के त्यार होने की, नूपुर त्यार हुई कि नितिन भी घर आ गया |
नूपुर का चेहरा खिला हुआ था | बच्चे भी दादा-दादी के पास ही रुकने की जिद्द में थे कि नितिन और नूपुर निकल गए |
होटल पहुंचते ही नूपुर ने देखा कि नितिन ने तो table पहले से ही रिज़र्व करवाया था !! फूलो से सजा table, ये सब बहुत special था.......!! बहुत खूबसूरत....!! नूपुर के चेहरे पर क्या खूब मुस्कराहट थी | नितिन का ये अंदाज़ देख नूपुर हैरान भी थी.. !!
नूपुर जैसे ही कुर्सी पर बैठने लगी कि नितिन ने उसे रोकते हुए अपने हाथो से कुर्सी पीछे कर नूपुर को "जी बैठिये मैडम", हस्ते हुए कहा..!!
नूपुर बस हैरानी से नितिन के इस अंदाज़ को देखते हुए मुस्कुरा रही थी..|
"जनाब आज इतने बदले अंदाज़ में कैसे, आज इतनी मेहरबानी क्यों"..!! - नूपुर ने हस्ते हुए कहा |
"अभी तो हमारा अंदाज़ आपने देखा ही कहा है मैडम", - नितिन ने शाही अंदाज़ में मज़े लेते हुए कहा |
"बिना बात आज होटल में खाने के लिए लाना. जरूर मैं कुछ भूल रही हूँ, कोई celebration क्या", !! - नूपुर ने हैरानी से पूछा |
"जी जी हमारे प्यार का जश्न", - नितिन ने मजाकिया अंदाज़ में कहा |
"आज ऑफिस से आ कर भी थकावट नहीं !! माजरा क्या है मिस्टर, जनाब के पास फॅमिली टाइम कैसे निकल आया आज", - नूपुर ने ताना कस्ते हुए हसी में कहा |
"आज से सब वक़्त तुम्हारा", - नितिन ने आँखों में आँखे डाल नूपुर से बिना पलके झुकाये कहा |
(नूपुर नज़रे मिला कर नज़रो को झुका मुस्कुराने लगी..!! )
"वैसे भी तुम्हारा कई दिनों से मन था बाहर आने का" - नितिन ने उत्साहित होते हुए कहा |
"एक मिनट एक मिनट" !! - नूपुर ने नितिन को बीच में ही टोकते हुए कहा |
"आपको कैसे पता कि मेरा बाहर आने का मन था" - नूपुर ने लम्बी सांस लेते हुए कहा |
"पति का फ़र्ज़ निभा रहे है मैडम, पत्नी के मन की बात तो समझनी ही होगी" - नितिन ने नूपुर की और झुकते हुए पास होकर बोला |
नूपुर हस्ते हुए, चेहरा खिल सा गया !! - "ओह.....!! फ़र्ज़....!! फ़र्ज़ बस आज याद आये तुम्हे.."
"आज तक की हर गलती की भरपाई करने ही तो आज यहाँ बैठा हूँ नूपुर, तुम्हारी हसी भी कही खो सी गयी थी" - नितिन ने इस बार गंभीरता से अपनी बात रखी |
"इतनी सारी गलतियों की भरपाई एक पार्टी से ना होगी पति देव जी" - नूपुर ने टांग खिचाई करते हुए नितिन से कहा |
और दोनों हसने लगे.... नितिन ने नूपुर के हाथ पर हाथ रखते हुए शब्दों की गंभीरता से और आँखों की गहराई से नूपुर को देखा | नूपुर मैं जानता हूँ, मैं अक्सर तुम्हे समय नहीं दे पाता, तुम्हे कभी तो बुरा लगता होगा !! पर मुझे इतना समझने के लिए और मेरा इतना साथ देने के लिए तुम्हारा दिल से मान करता हूँ |
नूपुर भी बातों की गहराई को समझते हुए बड़ी गंभीरता से नितिन को देख रही थी.....| नितिन के शब्दों में अपने लिए इतना प्यार देख नूपुर ने शर्माते हुए अपने बाल सवारती हुई, अपना दूसरा हाथ भी नितिन के हाथ के ऊपर रखते हुए, आँखों से प्यार भरी सहमति भरी..|
और आज दोनों ने ऐसे ही आगे भी एक दूसरे को हमेशा समझते रहने के कई वादे आँखों से किये हो जैसे..!!
सच्चे प्यार की गहराई, समुन्द्र की गहराई से भी ज्यादा महसूस हुई हो जैसे !! रिश्तो की खूबसूरती ये ही तो है !!
अपनापन शब्दों से ज्यादा आँखों में दिखने लगे तो क्या खूब एहसास है.....!!
दोनों ने मिल कर खाना खाया | खाना स्वादिस्ट ही नहीं लाजवाब था, दिलो की मिठास ने खाने के जायके को एक नया रूप जो दिया था !!
ऐसे छोटे लम्हे ही तो एहम है शायद...!! अक्सर ये छोटे लम्हे ही दिलो में जगह बना लेते है.......|
"अपनों के साथ, अपनों के लिए - इन छोटे लम्हो को बनाये रखे...."
Thank You
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6 Comments
Wow 😍
ReplyDeletethank you
DeleteVery touching dear
ReplyDeleteThank u indu
Delete😍😍
ReplyDeletethank you binder..
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