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करवाचौथ एक विश्वास - मन की बात नेहा के साथ

करवाचौथ एक विश्वास - मन की बात नेहा के साथ  


तारो की छाँव और ये खूबसूरत चांदनी रात,

सातो जनम तक यूँ ही रहे तेरा मेरा साथ......






करवाचौथ एक उत्सव - आस्था, प्यार और विश्वास का त्यौहार....  

बहुत सारे रस्मे-रिवाजो और संस्कारो से भरा ये त्यौहार प्यार से तो जुड़ा ही है और साथ ही इसे fashion से भी जोड़ दिया जाता है, हो भी क्यों ना..... करवाचौथ का नाम लेते ही आँखों के सामने श्रृंगार की कल्पना जो होने लगती है.... चूड़ी, बिंदी, मंगलसूत्र, पायल, काजल, मेहँदी और कितना कुछ एक हिस्सा है करवाचौथ का, शायद इसीलिए लड़कियों के सबसे favourite त्यौहार में से एक है करवाचौथ....!! 


आज हर तरफ gender (लिंग) समानता (equality) की बात होती है | चाहे वो व्यक्तिगत जीवन में एक पति का पत्नी के साथ घर के कामो में मदद करना हो या पत्नी का घर से बहार निकल जॉब करना हो....!! आज समय बदल चूका है | बदलते वक़्त में करवाचौथ के पहलु भी कई तरफ से बदल चुके है.. एक समय था जब करवाचौथ को पत्निओ का त्यौहार माना जाता था, पर आज के समय में बहुत से पति भी उतनी ही उत्साह से पत्नी के लिए व्रत संम्पन करते है, मानो प्यार की ख़ूबसूरती और बढ़ जाती हो.....!! 


ये दिन बहुत ख़ास मायने रखता है couples के लिए..... एक ऐसे ही couple की कहानी, मेरी स्याही की जुबानी.....

रविवार का दिन था | सुबह उठते ही विशाल आँख मलते कमरे से हॉल में आया तो देखा टेबल पर चाय से भरी केतली, चाय का कप और अखबार (newspaper) विशाल की पत्नी-मीनाक्षी ने विशाल के लिए पहले से ही रखा था !!


विशाल मीनाक्षी को ढूंढता दूसरे कमरे में गया फिर रसोई में जा कर देखा पर मीनाक्षी शायद घर पर नहीं थी..!!


तभी छत की सीढ़ी से उतरती मिनाक्षी की चूडियो की खन्न खन्न , पायल की चम्म चम्म की आवाज विशाल के कानो तक पड़ी, विशाल ने बाहर झाँका तो मिनाक्षी का आज एक अलग ही अवतार देख रहा था !! माथे पर बिंदी, गले में मंगलसूत्र, हाथो में चूड़ी, पैरो में पायल, मेहँदी वाले हाथ, और बदन पे साड़ी.......!!


"अरे वाह, आज तो क्या बात है मैडम जी, अति सुन्दर" - विशाल ने भोहे चढ़ा मुस्कुरा कर बोलते हुए कहा |

"करवाचौथ है पति-देव, आपकी लम्बी उम्र के लिए व्रत जो किया है" - मिनाक्षी के भी होठों पर बड़ी सी मुस्कान थी...|

"अरे मीनाक्षी तुम्हे हर बार बोलता हूँ, तुमको मुझे प्यार जताने के लिए इतना कठिन व्रत करने की जरुरत नहीं है" - विशाल ने मिनाक्षी को सोफे पर बैठने का इशारा करते हुए कहा |

"और मैंने भी तुम्हे हर बार ये ही जवाब दिया है कि मुझे मत रोका करो विशाल, अपनी चाय पीयो, ठंडी हो जायेगी" - मिनाक्षी हस कर कहती वहाँ से चल दी |

"लेकिन लॉजिक (logic) क्या है, व्रत का मेरी उम्र को लम्बा करने से क्या ताल मेल, ये तो आज समझाना ही होगा" - विशाल ने मिनाक्षी के पीछे पीछे आते उसे जान बुझ कर चिढ़ाते हुए कहा |

"हे भगवान्, हर बार लॉजिक से सोचना जरुरी तो नहीं न, कभी कभी दिल की भी सुननी चाहिए | मुझे ये व्रत करना बहुत अच्छा लगता है विशाल, जैसे एक संतुष्टि मिलती हो, सुकून मिलता है !! अगर ये एक वहम भी है तो भी इससे किसी का नुक्सान तो नहीं कर रही न मैं....!!" - मिनाक्षी ने विशाल को सरलता से जवाब दिया |

"तो तुम मेरी बात नहीं सुनोगी" - विशाल ने इस बार थोड़ा रौब दिखाते मीनक्षी से कहा |

"देखो विशाल ये मेरा एक तरीका है तुम्हे ये बताने का कि तुम मेरे लिए कितने अहम् हो.....| बस मुझे मेरी दिल की सुनने दो" - मिनाक्षी ने विशाल की आँखों में आँखे डाल बोलते कहा |


"हममममममममम, अच्छा......!! अहम्.... तो ये बात है !!

अहम् तो तुम भी मेरे लिए उतनी ही हो !!

तो चलो आज मेरा भी व्रत शुरू" - विशाल ने मिनाक्षी के हाथ पर हाथ रखते कहा |


" अरे तुम नहीं रख पाओगे बाबा, क्या करते हो तुम !! DDLJ के शाहरुख़ बनने की कोई जरुरत नहीं !!" - मिनाक्षी ने विशाल को गुस्से होते कहा |

"अरे वरे कुछ नहीं, बोल दिया तो बोल दिया" - विशाल ने इस बार शब्दों और आवाज पर जोर डालते कहा |


चाय छोड़ विशाल नहाने को चल दिया | मिनाक्षी को अब बस विशाल की चिंता हो रही थी !! तबसे बेटी शिवी भी अब उठ चुकी थी, शिवी अभी बस 3 साल की है | उठते ही शिवी की मस्ती भरी शैतानिया शुरू थी !!


मिनाक्षी तो बस विशाल को राज़ी कर लेना चाहती थी व्रत न रखने के लिए | विशाल के नाहा कर बाहर निकलते ही, मिनाक्षी बार बार विशाल को व्रत न रखने के लिए समझाए जा रही थी !! आखिर विशाल को मीनाक्षी की बात सुननी ही पड़ी..!!


मिनाक्षी ने झट से विशाल को चाय दी और शिवी और विशाल के लिए नाश्ता बनाने में जुट गयी | दोनों के लिए नाश्ता निकाल मिनाक्षी थोड़ा आराम करने कमरे में गयी | कुछ समय बाद मिनाक्षी रसोई में बर्तन धोने आई तो एक दम हैरान हो गयी....!! बर्तन तो पहले से ही धुले हुए थे और रसोई भी पूरी साफ़ थी......!!


हॉल में बैठा विशाल मिनाक्षी की हैरानी देख मन ही मन हस रहा था !! 


"अरे विशाल तुमने क्यों कर दिया, मैं बस उठ ही रही थी न" - मिनाक्षी ने कहा |

"निर्जला व्रत है, बोलो कम" - कहते विशाल मंद मंद मुस्कुराते चल दिया |


मिनाक्षी घर के कामो में लग गयी पर दुपहर तक मीनाक्षी अब थोड़ा थक चुकी थी !! एक बूंद पानी भी न पीना था तो अब गला भी कुछ सुख रहा था | 


कामो में व्यस्त मिनाक्षी को रसोई से बर्तन की कुछ आवाजे आने लगे !! भागती मिनाक्षी रसोई में पहुंची तो देखा विशाल अपने और बेटी के लिए दुपहर के खाने की तयारी में लगा था !! 


"अरे विशाल आज तुम्हे क्या हो गया भला !! मैं करने आ तो रही हूँ, हर बार करवाचौथ पर तुम्हारा ऑफिस रहता है तो नहीं करती क्या मैं !!" - मिनाक्षी ने विशाल को रसोई से हटाते हुए कहा |


"पर my good luck, आज ऑफिस नहीं है | अच्छा अब तंग मत करो, हमे बाप बेटी को हमारा खाना बनाने दो" - विशाल ने मज़े लेते कहा !!


धीरे धीरे शाम की करवाचौथ की पूजा का समय हो चला था, मिनाक्षी निर्जला व्रत की वजह से थोड़ा थक जरूर गयी थी पर त्यौहार की उमंग और इस उमंग के रंग से चेहरा मानो खिला सा था !! मिनाक्षी ने शाम होते ही पूरा शृंगार किया | सज-सवर मिनाक्षी ने पूजा की सभी सामग्री को पूजा घर में इकठ्ठा कर, करवाचौथ के नियमो का पालन करते हुए विधि वध पूजा संपन्न की | और बस अब इंतज़ार था चाँद के आ जाने का !!







रात के खाने की जिम्मेदारी में भी विशाल ने मिनाक्षी की बराबरी में मदद कर मिनाक्षी को आज अलग ही अनुभव करवाया !! मिनाक्षी दिल से खुश थी | ये ख़ुशी शृंगार में चार चाँद लगा रही हो जैसे.....!!


रात में चाँद निकलते ही मिनाक्षी ने विशाल और बेटी शिवी के साथ छत पर जा चाँद को अर्ग दिया और सभी रस्मो के साथ पूजा संपन्न की....!! ख़ास पलों की खूबसूरती चाँद की रौशनी में मानो और निखर रही हो..!! आज का सबसे ख़ास पल आखिर आ ही गया था, विशाल के हाथ से पानी पी व्रत खोलना मिनाक्षी को बहुत पसंद था !!


बहुत बहुत खूबसूरत........!!

प्यार का त्यौहार.....प्यार के साथ.....!!


अपनी शादी का जोड़ा पहने मिनाक्षी तारो की छाँव में चांदनी रात की रौशनी के आग़ोश में मानो उन्ही शादी के पलों में खोई हो जब विशाल और उसने हमेशा साथ निभाने की कस्मे खाई थी..!! विशाल भी मीनाक्षी के मन की बात बिना कहे ही समझ रहा था  


कुछ पल की ख़ूबसूरती उम्र भर कम नहीं पड़ती......!!

घर आ विशाल मिनाक्षी खाना खाते हुए, आज नज़दीकिया मानो और बढ़ गयी हो........!!

"मिनाक्षी Thank You, मेरे लिए इतना कठिन तप करने के लिए, मैं समझ सकता हूँ कि ये कितना कठिन है निभाना" - विशाल ने मिनाक्षी को बहुत मीठे शब्दों से प्यार से देखते हुए कहा |


"विशाल Thank You तो आपका, मुझे इतना सहयोग देने के लिए और आज के इस कठिन व्रत को अपने सहयोग से आसान बना देने के लिए !!" - मिनाक्षी की भी नज़रो में खूब प्यार था |


एक दूसरे के सहयोग से मानो इस करवाचौथ की यादें और भी सुनहरी सी बन गयी थी.....!!


प्यार का त्यौहार, प्यार के साथ पूरा जो हुआ था..........|


आखिर ये जरुरी नहीं कि कठिन तप ही कर बस प्यार दिखाया जाए, कभी कभी छोटे छोटे सहयोग भी प्यार को और गहरा कर देते है..!! ये तो अपना अपना नजरिया है, कोई व्रत कर प्यार जता देता है तो कोई सहयोग दे कठिनाइयों को आसान बना देता है..!! प्यार जताने का तरीका कोई भी हो, दिल मिल जाए तो प्यार दिल में उतर ही जाता है....!!


This karwachauth, lets support your partner with amazing side of yours........

Thank You..... 

mann-ki-baat-by-neha

disclaimer : इस कहानी के सभी पात्र (विशाल, मिनाक्षी और शिवी) काल्पनिक है | यहाँ पर लिखी सभी कहानिया किसी भी धर्म, मानवता के विपरीत नहीं है | यह केवल एक मन की बात है जो केवल readers को entertainment (मनोरंजन) करने के लिए है | यहाँ जो भी content है उसके सारे copyright mannkibaatbyneha के है..|

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