
हालातों की सीख़ - मन की बात नेहा के साथ
"जब परिस्तिथिया हमारे अनुकूल नहीं होती तो यक़ीनन कुछ पलों के लिए कमजोर या असहाय…
ज़िंदगी के सबसे प्यारे पल होते है बचपन के, हो भी क्यों ना बचपन इतना भोला और मासूम जो होता है !! ना जिम्मेदारियों का भोझ, ना कोई फ़िक्र | ज़िंदगी के कई …
Don't know for how many years, there has been a story of comparison between housewife and working woman. Who is best and who has more responsibi…
निशा की शादी को कई साल बीत गए थे | अब तो निशा अपने ससुराल में अच्छे से रस बस गयी थी | अपने ससुराल में बहुत खुश थी निशा | पर वो कहते है न की ससुराल मे…
शाम के 6 बजे थे | खूब बारिश, ठंडा सा मौसम और मौसम की ख़ूबसूरती अलग सी ही थी | खिड़की से ये बारिश का नज़ारा मन को बहुत शांत कर रहा था | बारिश और एक चाय क…
माँ शब्द कितना प्यारा है न| बोलते ही जैसे मन में कितना प्यार समां जाता हो| शब्द में ही इतना प्यार मानो मन में प्यार का सागर बह निकला हो| माँ से तो …
"जब परिस्तिथिया हमारे अनुकूल नहीं होती तो यक़ीनन कुछ पलों के लिए कमजोर या असहाय…
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